Wednesday, April 22, 2020

जागतिक वसुंधरा दिन की शुरुआत कब और क्यो?

जागतिक वसुंधरा दिन 22 अप्रैल 



national earth day

 मानव जाति की शुरुआत में अन्न,वस्त्र, निवारा यह सीमित आवश्यकताएं थी। धीरे धीरे मानव की आवश्यकताएं बढ़ती गई। मानव विकास और उसकी सौंदर्य कल्पनाओं का परिणाम पर्यावरण संतुलन पर दिख रहा है। हमारी आंखों को सुंदर दिखने वाला पर्यावरण मानव जाति के भविष्य पर बुरा असर डालने वाला है। मानव जाति की स्वार्थ बुद्धि की वजह से ही आज संपूर्ण दुनिया इसकी कीमत चुका रहा है। खुद को बड़ा समझने वाला इंसान आज कोरोना जैसी महामारी से खुद ही घरों में कैद हो गया है।  यह भी इंसान की स्वार्थ बुद्धि और लालच का ही नतीजा है।


    हम हर साल 'जागतिक वसुंधरा दिन'मनाते हैं। इस समय हम अपनी पृथ्वी की रक्षा करने की शपथ लेते हैं पेड़ पौधे लगाते हैं सेल्फी निकालते हैं और अपने अपने काम पर लग जाते हैं। दिन खत्म होते ही वसुंधरा का महत्व भी खत्म हो जाता है और फिर याद आती है अगले साल । 364 दिन हम अपने पर्यावरण का भरपूर शोषण करते हैं। वसुंधरा का अर्थ होता है पृथ्वी और हमारी संस्कृति में पृथ्वी को माता मानते हैं। उसकी पूजा करते हैं। लेकिन यह संस्कृति आज केवल किताबों में ही कैद है या फिर सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने तक ही सीमित हो चुकी है।

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  हमारे व्यस्त जीवन में वसुंधरा या पर्यावरण के लिए हमारे पास समय नहीं है। विकास के नाम पर मानव ने पृथ्वी का सुंदर रूप विद्रूप कर दिया है। मानव विकास की संकल्पना में सिर्फ मानव ही विकास का केंद्र बिंदु है जो करना है वह  सिर्फ मानव हित में ही हो, फिर चाहे पशु पक्षी पेड़ पौधे और अन्य जीव नष्ट ही क्यों ना हो जाए। क्षणिक सुख के लिए हम अपना भविष्य ही दाव पर लगा रहे हैं यह किसी ने सोचा भी नहीं। आज हमें बड़ी बड़ी इमारते चाहिए, बड़े रेलवे मार्ग चाहिए, बड़े-बड़े महामार्ग चाहिए, लेकिन यह करते समय पृथ्वी की कितनी हानि होती है यह किसी ने सोचा भी नहीं।
जागतिक वसुंधरा दिन

  मानव की यह गतिविधियां ही मानव के लिए खतरा बनता जा रहा है लेकिन इसकी और किसी का ध्यान भी नहीं जाता। आज विकास के नाम पर पेड़ पौधे तोड़े जा रहे और उनकी जगह बड़ी-बड़ी सीमेंट की इमारते खड़ी की जा रही है। बीते कई साल विकास की मूर्ख कल्पनाएं वास्तव में लाने के प्रयत्न में हमने अपनी ही वसुंधरा का इतना नुकसान कर दिया है कि आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन नष्ट होने का ही खतरा उत्पन्न हो चुका है।

 मानव ने स्वार्थ की वजह से आज जल हवा वायु प्रदूषित कर दिया है। अनगिनत पेड़ों को तोड़कर जल स्त्रोत ही नष्ट कर दिया है। अभी तो अप्रैल शुरू है और मई बाकी है लेकिन अभी से ही तापमान इतना बढ़ चुका है कि आने वाले दिनों में तापमान कितना बढ़ेगा यह सोच भी नहीं सकते। अगले साल क्या होगा यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जनवरी-फरवरी में अकाल कुए नदी तालाब सुख जाना पानी की खोज में दूर दूर तक जाना शहरों में पानी टंचाई फिर और गहरे बोरवेल बनाना नजर पहुंची वहां तक इमारत ही नजर आती है और पेड़ों का कुछ पता ही नहीं। फरवरी अप्रैल के बीच में ही देश के सामने पानी का खतरा उत्पन्न ना हो जाता है।


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 सौंदर्यीकरण के नाम पर विदेशी पेड़ों को लगाकर पर्यावरण का नुकसान हुआ है। ऑस्ट्रेलिया से नीलगिरी के पेड़ मादागास्कर से लाए गए गुलमोहर 70 के दशक में आयात किए गए गेहूं के साथ आए पेलट्रो फोरम, अकेशिया, स्पेथोडीया, कॅशिया, ग्लिरिसिडिया, फायकस, सप्तपर्णी रेनट्री इन पेड़ों ने हमारी हजारों एकड़ जमीन बर्बाद कर दिया है। यह विदेशी पेड़ और गाजर घास हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन चुके हैं। बड़ी महा मार्गों के दोनों तरफ यह पेड़ बहुत ज्यादा तादाद में दिखाई पड़ते हैं। हमारे जमीन का पानी यह पेड़ ज्यादा मात्रा में आकर्षित कर लेते हैं और इनका हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ज्यादा उपयोग नहीं है। लेकिन हमारी आंखों को अच्छा लगता है इसलिए हम यह पेड़ लगाते हैं जबकि यह पशु पक्षियों को भी आकर्षित नहीं कर सकते हैं।

  आज विकास के नाम पर हमने जो पर्यावरण का नाश किया है उसका परिणाम मानव जाति पर और पर्यावरण पर दिखाई दे रहा है। मुंबई जैसे बड़े महानगरों में खेती योग्य जमीन इमारतों के लिए बर्बाद कर दिया है इस कारण यहां की जैव विविधता नष्ट हो चुकी है। हम पर्यावरण से संबंधित बड़े-बड़े उत्सव आयोजित करते हैं लेकिन वह सीमित रहता है।

  इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस वजह से इ-वेस्ट की भयंकर समस्या उत्पन्न हो चुकी है। ई वेस्ट की वजह से जल प्रदूषण वायु प्रदूषण और जमीन का प्रदूषण हो रहा है।





  हमारे आसपास हर रोज पर्यावरण का नाश होता है और इसमें सरकार भी भागीदार है। इस समस्या को रोकने के लिए कुछ सामाजिक संस्थाएं पर्यावरण रक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं। अपनी पृथ्वी जैव विविधता और नैसर्गिक स्त्रोतों को बचाने का यथासंभव प्रयास कर रहे हैं।


 एक दिन के प्रयास से यह परिस्थिति सुधारने वाली नहीं है इसके लिए हमें हमेशा प्रयासरत रहना पड़ेगा। इसके लिए सामाजिक संस्थाएं सरकार और हमने मिलकर  प्रयास करना जरूरी है। हमें जो नैसर्गिक विरासत मिली है वह हमें हमाारी पिछली पीढ़ी की तरफ से मिली है। अब हमारा भी यह कर्तव्य हैै कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए हमने मिलकर पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी है।




जाने वसुंधरा दिन के बारे में



जागतिक वसुंधरा दिन


  जागतिक वसुंधरा दिन पर्यावरण विषयक कार्यक्रमों को जागृत रखने का स्त्रोत है। इस दिन को मनाने का मकसद यही है कि संपूर्ण विश्व में लोगों में पर्यावरण संबंधी और अपनी पृथ्वी संबंधी जागरूकता निर्माण हो सके।
  
  पिछले 45 सालों से हर साल 22 अप्रैल को जागतिक वसुंधरा दिन के नाम से मनाया जाता है। सन 1970 के दशक में आधुनिक पर्यावरण मूवमेंट का जन्म यह दिन मनाने से ही हुआ है ऐसे बहुत से लोग मानते हैं। उस समय अमेरिकन लोग वी 8 सेडन इस बड़े वाहन का उपयोग करते थे। इस वाहन से निकलने वाला धुआं बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण करता था। कारखानों में से भी निकलने वाला धुआं और बिना किसी प्रक्रिया किए रसायन मिश्रित पानी बड़ी मात्रा में वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें कानून या मीडिया  का कोई डर नहीं था। जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण को उस समय समृद्धि का प्रतीक ही माना करते थे।

  उस समय पर्यावरण शब्द अलग ही अर्थ से लिया जाता था। पर्यावरण की चिंता किसी को भी नहीं थी। लेकिन सन 1962 में सागरी जीवशास्त्रज्ञ राचेल कार्सन लिखित साइलेंट स्प्रिंग यह किताब न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित की और इसी किताब की वजह से लोगों में पर्यावरण संबंधी जागृति होना शुरू हो गई। 24 देशों में इस किताब की 5 लाख प्रतियां बिक गई। इस किताब की माध्यम से कार्सन ने सजीव पर्यावरण और सार्वजनिक आरोग्य संबंध में की गई जागृति अन्य किसी व्यक्ति की तुलनाा में अधिक थी। इस बढ़ती जागृति में से ही 1970 में "वसुंधरा दिन" मनाने की कल्पना नेे जन्म लिया। वसुंधरा दिन मनाने की कल्पना सबसे पहले "गेलॉर्ड नेल्सन" ने रखी। नेल्सन उस समय अमेरिका के "विस्कॉन्सिन" राज्य के सीनेटर थे।



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Friday, April 10, 2020

ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री को " हीरो टु एनिमल्स" अवॉर्ड से सम्मानित


hero to animals


1) छत्तीसगढ राज्य की पुलिस ने होम क्वारंटईन लोगो के लिए 'रक्षा सर्व एप्प' विकसित किया है ।



  • छत्तीसगढ के जांजगीर चांपा जिले की पुलिस ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए होम क्वारंटाईन किए गये लोगो की निगरानी रखने के लिए एक मोबाईल एप्लिकेशन की मदद ले रहे है।
  •  इस एप्लिकेशन को रक्षा सर्व एप्प नाम दिया गया है। 
  • नोएडा मे स्थित एक स्टार्ट अप कंपनी मोबकोडर के साथ मिलकर इस एप्प को विकसित किया गया है।
  • यह एप्प गुगल मैप की मदत से होम क्वारंटाईन किये गये लोगो पर नजर रखता है।


2) हाल ही मे भारतीय रेल्वे  ने जीवन नाम से Covid-19 के लिए सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है।



  • भारतीय रेल्वे ने हजारो लोगो की जान बचाने के लिए एक सस्ता वेंटिलेटर तैयार किया है। 
  • इस वेंटिलेटर को 'जीवन' नाम दिया है। 
  • इस सस्ते वेंटिलेटर का निर्माण कपुरथला रेल डिब्बा कारखाना ने किया है और आईसीएमआर से मंजुरी मिलने के बाद ही इसको उपयोग मे लाया जाएगा। 
  • इस वेंटिलेटर की किंमत बिना कंप्रेसर के दस हजार रुपये होगी और आईसीएमआर की मंजुरी मिलने पर  रोजाना १०० वेंटिलेटर विकसित किये जा सकते है।


3) दिल्ली सरकार ने Covid-19 से निपटने के लिए 5T प्लान की घोषणा की।



  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 5T प्लान तैयार किया है।
  •  5T का मतलब है , i) टेस्टिंग, ii) ट्रेसिंग, iii) ट्रीटमेंट, iv) टीमवर्क v) ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग । 
  • दिल्ली में अगले कुछ दिनों मे एक लाख से अधिक टेस्टिंग किये जाएंगे । 
  • पुलिस की मदत से कोरोना संक्रमित लोगो की ट्रेसिंग की जाएगी। 
  • जो कोरोना से संक्रमित और बिमार है उनका ट्रिटमेंट किया जाएगा। 
  • सभी ने टीमवर्क के साथ कोरोना से लडना है। 
  • और इन सभी कामो का ठिक से पालन हो इसके लिए ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की जाएगी।


4) हाल ही मे अमेरिका की अंतरिक्ष एजंसी ने ज्वालामुखी विस्फोट और भुकंप की चेतावनी देने वाले सेटेलाईट को लाँच किया है ।


  • राष्ट्रिय वैमानिक एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) के द्वारा महत्त्वपुर्ण कदम उठाये जा रहे है। 

  • अमेरिका की नासा द्वारा एक और नये उपग्रह को लाँच किया गया है, जिसकी मदत से ज्वालामुखी विस्फोट और भुकंप की शुरुआती चेतावनी मिल सकती है । 
  • नासा ने वर्ष २०२०  के शुरुवात मे ही १२०० से अधिक क्युबसैट अंतरिक्ष मे छोडे थे जिनमे से ८० क्युबसैट नष्ट हो गये थे। 
  • मगर ११०० से अधिक क्युबसैट अभी भी पृथ्वी की कक्षा मे स्थित है।



5) मणिपुर राज्य की सरकार ने बाहर फसे नागरिको को २००० रुपये देने की घोषणा की है।


  • कोरोना वायरस की वजह से संपुर्ण देश मे लॉक डाउन किया गया। 
  • इस वजह से अलग-अलग राज्य के लोग अलग-अलग राज्यो मे फस गये है।
  •  उन लोगो को राहत देने के लिए मणिपुर राज्य सरकार ने २००० रुपये देने की घोषणा की है।


कोरोना से प्रभावित लोगों के लिए वित्त मंत्री ने 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की


6) एअरटेल पेमेंट बैंक ने लाँच की covid - 19 बीमा पॉलिसी।


  • एअरटेल पेमेंट बँक भारती एक्सा जनरल इंशुरंस के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ स्वास्थ्य सुरक्षा और बिमा योजना पेश करने वाली है।
  •  भारती एक्सा ग्रुप हेल्थ एश्योर २५००० का लाभ देगी और ग्रुप हॉस्पिटल कैश के जरिये ५०० रुपये रोजाना दैनिक लाभ इसमे शामिल है।
  •  यह दोनों सुविधाये एअरटेल पेमेंट्स बैंक के बचत बैंक खाता ग्राहको के लिए उपलब्ध रहेगी। 



7) हाल ही मे MHRD ने मेगा ऑनलाइन चॅलेंज 'समाधान' की शुरुआत की है।


  • छात्र छात्राओ मे नयी खोज करने की क्षमता को परखने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मेगा ऑनलाईन चॅलेज 'समाधान' की शुरुआत की है । 
  • इसमे छात्र सरकारी एजंसीयों , स्वास्थ्य सेवाओ, अस्पतालो और अन्य सेवाओ मे आनेवाली चुनौतियो पर उपाय सुझाएंगे।
  • इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथी १४ एप्रिल है।


COVID- 19 की जानकारी देने के लिए सार्क (SAARC) ने शुरू की है वेबसाइट


8) मध्यप्रदेश की पुलिस ने FIR की होम डिलीवरी शुरु की है।


  • कोरोना वायरस से संपूर्ण लॉक डाउन के नियमो का पालन हो सके और वायरस के प्रसार को रोका जा सके इसके लिए विभिन्न राज्यो की पुलिस विभिन्न कदम उठा रही है।
  •  इसी कदम मे मध्य प्रदेश की पुलिस ने एक और कदम उठाते हुए FIR की होम डिलीवरी शुरु की है।
  •  महाराष्ट्र के नागपुर से सटा सिवनी मे इसकी शुरुआत भी हो गई है।



9) तेलंगणा सरकार ने covid-19 मॉनिटरिंग सिस्टम एप्प विकसित करने की घोषणा की है।


  • कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए तेलंगाणा सरकार ने 'वेरा स्मार्ट हेल्थ केअर' द्वारा भारत की पहली ऑटोमेटेड " covid- 19 मॉनिटरिंग सिस्टिम एप्प" विकसित करने के लिये निवेश किया है। 
  • इस एप्प की मदत से  सरकार को संक्रमित व्यक्ति की पहचान , निगरानी , ट्रेकिंग और मॉनिटरींग करने मे मदत मिलेगी।
covid-19



10) ओडिशा राज्य के मुख्यमंत्री को " हीरो टु एनिमल्स" अवॉर्ड से सम्मानित किया है।


  • कोरोना  की वजह से देश मे चल रहे लॉक डाउन मे पशुओ को खाद्य उपलब्ध कराने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री 'नवीन पटनायक' ने लाखो रुपये खर्च किये। 
  • उनके इस कार्य को ध्यान मे रखते हुए 'पिपल फॉर द एथिकल ट्रिटमेंट ऑफ एनिमल्स' (पेटा) इंडिया ने नवीन पटनायक के लिए ''हिरो टु एनिमल्स" अवार्ड की घोषणा की।



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Tuesday, April 7, 2020

तमिलनाडु राज्य मे 'मोदी किचन'की शुरुआत

तमिलनाडु राज्य मे 'मोदी किचन'की शुरुआत


1 )हाल ही मे तमिलनाडु राज्य मे 'मोदी किचन'की शुरुआत हुई है।


  •  भारतीय जनता पार्टी ने ३० मार्च २०२० को कोविड -१९ के कारण लॉकडॉऊन मे गरीबो के लिए खाना उपलब्ध कराने के लिए तमिलनाडु मे मोदी किचन की शुरुआत की है।
Tamilnadu modikitchen



  •  रोजाना पाँच सौ जरूरतमंद व्यक्तियो को इसका लाभ मिलेगा।
  •  इस योजना द्वारा १० किमी दायरे मे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा । 
  • इस किचन का संचालन कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा किया गया है ।
  • यह किचन १४ एप्रिल २०२० तक चालू रहेगा।


2) हाल ही मे आपातकालीन निकासी बैगका निर्माण DRDO ने शुरु की है।


  • कोविड - १९ से संक्रमित व्यक्तियो को आपत्ती के समय आयसोलेट करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संघटन ने आपातकालिन निकासी बैग डिजाईन किया है।
  •  यह बैग वाटर प्रुफ और एअर प्रुफ है। इसका उपयोग जैविक एजंटो का इलाज करने के लिए किया जाता है। 
DRDO

  • डीआरडीओ द्वारा सुरवात मे ५०० बैग का निर्माण करेगा। 
  • डीआरडीओ की डिफेंस बायोइंजिनिअरिंग अॅण्ड इलेक्ट्रोमेडिकल लेबोरेटरी, जो  एअरो - मेडिकल इंजिनिअरिंग और लाईफ सपोर्ट इक्विपमेंट और न्यूक्लिअर केमिकल अॅण्ड बायोलॉजिकल प्रोटेक्शन सिस्टम पर शोध करनेवाली ईकाई द्वारा विकसित किए गए है।


3) झारखंड राज्य सरकार ने ई-पास जारी करने के लिए PRAGYAAM एप्प लाँच किया है।


  • Covid-19 के कारण लॉकडाउन के समय जिला प्रशासन जरूरतमंदो को पास निर्गत कर रहा है। 
  • यह पास मैन्युअल पास न होकर ई - पास होगी। यह पास जारी करने के लिए झारखंड सरकार ने PRAGYAAM एप्प लाँच किया है। 
  • राची जिला से अब तक करीब 1100 ईं पास जारी किए गये है ।


4) आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने मोबाईल हैंड वॉश सुविधा स्टेशन स्थापित किये है।


  • लॉकडाउन के बिच आंध्र प्रदेश सरकार ने झोपडपट्टी मे रह रहे लोगो के लिए मोबाईल हैंड वॉश सुविधा स्टेशन उपलब्ध कराया है।
  •  कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक दुरी बनाये रखना और अपने हाथो को बार बार सेनेटाईज करना एक अच्छा उपाय है। 
  • इस स्टेशन का लाभ लाखो अधिकारीयो और झोपडपट्टी वासियो को हुआ है।


5) हाल ही मे राजस्थान राज्य की पुलिस ने RajCop citizen app लांच किया है।


  • कोविड - १९ लॉकडाउन के दौरान कंपनीया तथा व्यक्तियो को आने जाने का परमिट जारी करने के लिए राजस्थान पुलिस ने शनिवार को RajCop citizen app लांच किया।
  •  यह एप्प प्लेस्टोर पर उपलब्ध है। यह एप्प अंग्रेजी मे है , मगर जल्द ही इसमे सामान्य वर्ग के लोगो के हिसाब से सुधार किया जाएगा ।
  • आम जनता को लॉक डाउन के बिच आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराने मे इस एप्प की मदत होगी ।


6) हाल ही मे PNB बँक के नए लोगो का अनावरण किया गया है।


  • १ अप्रैल २०२० को युनाइटेड बँक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नॅशनल बँक मे हुआ।
Panjab National Bank

  •  इससे पहले ही पंजाब नॅशनल बँक ने अपना नया लोगो जारी किया है। 
  • बँ क ने यह लोगो ट्विटर पर जारी करते हुए लिखा के पंजाब नेशनल बॅंक एक नये अवतार मे आ रही है।



              COVID- 19 क्या है? 

7) हाल ही मे असम राज्य सरकार ने निर्माण श्रमिको को 1000 रुपये देने की घोषणा की है।


  • असम सरकार ने covid-19 से प्रभावित हुए 2 लाख 78 हजार निर्माण श्रमिको को प्रति मजदूर १००० रुपये देने का निर्णय लिया है। 
  • गुवाहाटी मे मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोंवाल और अन्य मंत्रीयो की बैठक मे  यह फैसला लिया गया।
  •  १ अप्रैल से ५८ लाख बीपीएल धारको को मुफ्त मे अनाज देने का निर्णय भी इसी बैठक मे लिया गया।


 8) हाल ही मे IIT बॉम्बे ने 'CORONTINE मोबाईल एप' विकसित किया है।


  • IIT बॉम्बे की एक टीम ने CORONTINE नामक मोबाईल अॅप्प विकसित किया है। 
  • CORONTINE एप्प की मदत से अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगो पर नजर रखेंगे और संक्रमण फैलने से रोक सकेंगे ।
  •  यह एप्प मोबाईल मे इंस्टॉल किया जाएगा और जीपीएस द्वारा संक्रमित व्यक्ति कौ ट्रेक कर अधिकारीयो को इमेल या एसएमएस के माध्यम से अलर्ट करेगा।


9) हाल ही मे 'टाटा पॉवर' ने जार्जिया मे शुआखेवी हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का संचालन शुरु किया है।


  • Adjaristsqali जार्जिया एलएलसी, टाटा पावर, नार्वे की क्लीन एनर्जी इनव्हेस्टमेंट  (CEI) और इंटरनॅशनल फाइनान्सिएल कॉर्पोरेशन  (IFC) के बिच एक संयुक्त उद्यम, ने दक्षिण-पश्चिम जार्जिया मे स्थित 178 मेगावॉट शुआखेवी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत की घोषणा की है।
  •  यह प्रोजेक्ट प्रति वर्ष २००,००० टन से अधिक ग्रीनहाउस गैसो के उत्सर्जन को कम करने के लिए लगभग ४५० गीगावाट स्वच्छ उर्जा उत्पन्न करेगी ।


10) भारत सरकारने कोरोना संक्रमित लोगो की लोकेशन ट्रॅक करने के लिए 'कोरोना कवच ' एप लाँच किया है।


  • भारत सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए 'कोरोना कवच ' (Corona Kavach) नामक मोबाईल अॅप लाँच किया है। 
  • इस मोबाइल अॅप से लोग ये जान सकेंगे, के उन पर कोरोना का कितना खतरा है और उन्हे इससे बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। 
  • सरकार इस मोबाईल अॅप के द्वारा संक्रमित लोगो की लोकेशन ट्रॅक कर सकेगी।


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Wednesday, April 1, 2020

IIT भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

IIT भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान

  • IIT  का मतलब क्या है ? 
  • IIT का इतिहास
  • IIT संस्थान की सुची 
  • IIT का महत्त्व
  • IIT संयुक्त प्रवेश परिक्षा (IIT JEE)

यह संस्थान सुरुवात मे हिजली कारावास मे स्थित था। १५सितंबर १९५६ मे भारत की संसद ने "भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम " मंजूर कर इसे "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान " घोषित किया।

IIT


IIT  का मतलब क्या है ? 

  IIT का मतलब होता है ('Indian Institute of Technology'. ) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान . 


IIT का इतिहास

  जोगेंद्र सिंह ने सन १९४६ मे भारत मे उच्च शिक्षा के संस्थानो की स्थापना के लिए एक समिती गठित की गई। नलिनी रंजन सरकार की अध्यक्षता मे गठित समिती ने शिफारिश की भारत भर मे ऐसे संस्थानो की स्थापना की जाए। इन शिफारिशो के अनुसार पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना कलकत्ता के खड़गपुर मे १९५० मे की गई। यह संस्थान सुरुवात मे हिजली कारावास मे स्थित था। १५सितंबर १९५६ मे भारत की संसद ने "भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम " मंजूर कर इसे "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान " घोषित किया।
  इसी अधिनियम के आधार पर विभिन्न शहरो मे विभिन्न 
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित किये गये।


COVID- 19 की जानकारी देने के लिए सार्क (SAARC) ने शुरू की है वेबसाइट


IIT संस्थान की सुची 

भारत मे भारत सरकार द्वारा स्थापित कुल २३ प्रोद्योगिकी संस्थान है ।

१) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खडगपुर ( IITKGP)
स्थापना वर्ष -१९५१

२ ) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (IITB)
स्थापना वर्ष - १९५८

३) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IITK)
स्थापना वर्ष - १९५९

४) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM)
स्थापना वर्ष - १९५९

५) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IITD)
स्थापना वर्ष - १९६१ संस्थान का दर्जा - १९६३

६) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IITG)
स्थापना वर्ष - १९९४

७) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुडकी(IITR)
स्थापना वर्ष - १८४७
संस्थान का दर्जा - २००१

८) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड(IITRPR)
स्थापना वर्ष - २००८

९) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर(IITBBS)
स्थापना वर्ष - २००८

१०) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर(IITGN)
स्थापना वर्ष - २००८

११) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैद्राबाद (IITH)
स्थापना वर्ष - २००८

१२) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (IITJ)
स्थापना वर्ष - २००८

१३) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (IITP)
स्थापना वर्ष - २००८

१४) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर (IITI)
स्थापना वर्ष - २००९

१५) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (IITMandi)
स्थापना वर्ष - २००९

१६) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) वाराणसी (IIT BHU)
स्थापना वर्ष - १९१९ 
संस्थान का दर्जा - २०१२

१७) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पलक्कड (IIT PKD)
स्थापना वर्ष - २०१५


१८) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुपती (IITTP)
स्थापना वर्ष - २०१५

१९) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( भारतीय खनी विद्यापिठ) धनबाद (IITISM)
स्थापना वर्ष - १९२६
संस्थान का दर्जा - २०१६

२०) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई (IITBh)
स्थापना वर्ष - २०१६

२१) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा (IITGoa)
स्थापना वर्ष - २०१६

२२) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जम्मू (IITJM)
 स्थापना वर्ष - २०१६

२३) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धारवाड (IITDH)
 स्थापना वर्ष - २०१६
 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मे शिक्षित अभियंताओ तथा शोधकर्ताओ की पहचान पुरे विश्व मे होती है।
इन प्रसिद्धी के कारण भारत मे अमियांत्रिकी की पढ़ाई का इच्छुक हर विधार्थी इन संस्थानो मे प्रवेश पाने की महत्त्वकांक्षा रखता है। इन संस्थानो मे स्नातक की पढाई के लिए प्रवेश पाने के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा होती है, जिसे JEE के नाम से जानते है।


IIT संयुक्त प्रवेश परिक्षा (IIT JEE)

  IIT JEE की परिक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानो मे स्नातक स्तर पर प्रवेश के लिए ली जाती है। इसमे गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषयो के प्रश्न होते है। 
 अप्रैल २०१३ से ही आय आय टी प्रवेश परिक्षा दो हिस्सो मे ली जाती है। एक है मेन और दुसरा है एडवांस। आय आय टी मे आवेदन करने वाले विद्यार्थी पहले मेन परीक्षा देते है और इसमे सफल विद्यार्थी आगे एडवांस परीक्षा के लिए पात्र होते है।

कोरोना व्हायरस (COVID-19) क्या है ?




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