बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई
व्याख्या- जिस बाजार मे कंपनी के शेअर्स, डिबेंचर्स, बॉंड्स और सरकारी कर्जरोख,बॉंड्स सभी प्रकार के रोख की खरेदी- बिक्री चलती है, उस बाजार को रोख बाजार कहते है ।
दि सिक्युरिटिज कॉन्ट्रॅक्ट्स अॅक्ट १९५६, सेक्शन - ४ - रोख बाजार का मतलब ऐसा संघटन या व्यक्तिसमुह जो रोकड कि खरेदी- बिक्री,हस्तांतर आदी के संबंध मे सहाय्य,नियमन व नियंत्रण के लिए स्थापण हो ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का इतिहास
रोकड कि खरेदी- बिक्री व्यवहार की सुरुवात सन १८३६ मे कलकत्ता मे हुई। बाद मे मुंबई मे भी इसकी सुरुवात हुई। लेकिन इस प्रकार के व्यवहार करनेवाले दलाल असंघटित थे।
संघटित रोखे बाजार स्थापन करने का निर्णय जुलै १८७५ मे मुंबई के कुछ दलालो ने लिया। इसके अनुसार ५ फरवरी १८७७ मे "नेटिव्ह शेअर अॅण्ड स्टॉक ब्रोकर्स असोशिएशन" की स्थापना हुई।
यही संघटना आगे "बॉम्बे शेअर बाजार" के नाम से जानने जाने लगी। यह भारत तथा एशिया का सबसे पुराना शेअर बाजार है। इस शेअर बाजार को तत्कालिन बॉम्बे सरकारने १४ मे १९२७ मे मान्यता दी। अौर ३१ अगस्त १९५७ मे स्वतंत्र भारत सरकारने कायमस्वरुपी मान्यता दी। इस प्रकार की मान्यता दी जाने वाला यह पहला शेअर बाजार है। भारत का दुसरा रोखे बाजार १८९४ मे अहमदाबाद और तिसरा १९०८ मे कलकत्ता मे स्थापन हुआ। भारत मे २१ मान्यताप्राप्त शेअर बाजार है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का स्वरुप
1) फायदा यह उद्देश्य न होकर स्वेच्छा से स्थापित संस्था। 2)इस बाजार के नियंत्रण मंडल पर १९ संचालक होते है। u 3)मुंबई शेअर बाजार मे नोंदणी के लिए ५ करोड का भांडवल होना जरुरी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का निर्देशांक
अ) SENSEX या BSE 30- इसमे ३० कंपनीयो के शेअर्स की किमतो का समावेश होता है। इसके लिए सन १९७८-७९ यह आधारभूत वर्ष मानते है।
आ) BSE 200 - इसमे २०० कंपनियो के शेअर्स की किमतो का समावेश होता है। इसके लिए सन १९८९-९० यह आधारभूत वर्ष मानते है।
इ) Dollex- यह BSE 200 का डॉलर मे निर्देशांक है। इसके लिए सन १९८९-९० यह आधारभूत वर्ष मानते है।
व्यवहार संख्या के आधारपर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का दुसरा बडा शेअर बाजार है।
व्याख्या- जिस बाजार मे कंपनी के शेअर्स, डिबेंचर्स, बॉंड्स और सरकारी कर्जरोख,बॉंड्स सभी प्रकार के रोख की खरेदी- बिक्री चलती है, उस बाजार को रोख बाजार कहते है ।
दि सिक्युरिटिज कॉन्ट्रॅक्ट्स अॅक्ट १९५६, सेक्शन - ४ - रोख बाजार का मतलब ऐसा संघटन या व्यक्तिसमुह जो रोकड कि खरेदी- बिक्री,हस्तांतर आदी के संबंध मे सहाय्य,नियमन व नियंत्रण के लिए स्थापण हो ।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का इतिहास
रोकड कि खरेदी- बिक्री व्यवहार की सुरुवात सन १८३६ मे कलकत्ता मे हुई। बाद मे मुंबई मे भी इसकी सुरुवात हुई। लेकिन इस प्रकार के व्यवहार करनेवाले दलाल असंघटित थे।
संघटित रोखे बाजार स्थापन करने का निर्णय जुलै १८७५ मे मुंबई के कुछ दलालो ने लिया। इसके अनुसार ५ फरवरी १८७७ मे "नेटिव्ह शेअर अॅण्ड स्टॉक ब्रोकर्स असोशिएशन" की स्थापना हुई।
यही संघटना आगे "बॉम्बे शेअर बाजार" के नाम से जानने जाने लगी। यह भारत तथा एशिया का सबसे पुराना शेअर बाजार है। इस शेअर बाजार को तत्कालिन बॉम्बे सरकारने १४ मे १९२७ मे मान्यता दी। अौर ३१ अगस्त १९५७ मे स्वतंत्र भारत सरकारने कायमस्वरुपी मान्यता दी। इस प्रकार की मान्यता दी जाने वाला यह पहला शेअर बाजार है। भारत का दुसरा रोखे बाजार १८९४ मे अहमदाबाद और तिसरा १९०८ मे कलकत्ता मे स्थापन हुआ। भारत मे २१ मान्यताप्राप्त शेअर बाजार है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का स्वरुप
1) फायदा यह उद्देश्य न होकर स्वेच्छा से स्थापित संस्था। 2)इस बाजार के नियंत्रण मंडल पर १९ संचालक होते है। u 3)मुंबई शेअर बाजार मे नोंदणी के लिए ५ करोड का भांडवल होना जरुरी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई का निर्देशांक
अ) SENSEX या BSE 30- इसमे ३० कंपनीयो के शेअर्स की किमतो का समावेश होता है। इसके लिए सन १९७८-७९ यह आधारभूत वर्ष मानते है।
आ) BSE 200 - इसमे २०० कंपनियो के शेअर्स की किमतो का समावेश होता है। इसके लिए सन १९८९-९० यह आधारभूत वर्ष मानते है।
इ) Dollex- यह BSE 200 का डॉलर मे निर्देशांक है। इसके लिए सन १९८९-९० यह आधारभूत वर्ष मानते है।
व्यवहार संख्या के आधारपर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का दुसरा बडा शेअर बाजार है।
Sir..what an idea? information in Hindi..great
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteGt
ReplyDeleteThanks for sharig information!
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